Bihar Politics : नीतीश के निशाने पर ये दो नेता, 28 को बैठक में करेंगे बड़ा खुलासा?
नीतीश कुमार की एनडीए में कड़ी चेतावनी: भाजपा नेताओं के बयान और आगामी चुनावों पर ध्यान

बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने 28 अक्टूबर को एनडीए की एक विशेष बैठक का आह्वान किया है।
यह बैठक खासकर एनडीए के घटक दलों के सांसदों, विधायकों, और प्रमुख नेताओं के साथ हो रही है। इस दौरान नीतीश कुमार विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे और भाजपा नेताओं को संयमित बयानबाजी के निर्देश भी देंगे।
एनडीए के साथ रिश्ते और राजनीति का नया समीकरण
जनवरी 2024 में इंडिया ब्लॉक से अलग होकर नीतीश ने एनडीए के साथ गठबंधन किया। इसके बावजूद आरजेडी नेताओं द्वारा बार-बार उन पर एनडीए छोड़ने के संकेत दिए जाते रहे हैं।
आरजेडी नेता जैसे तेजस्वी यादव और अन्य कई बार नीतीश कुमार के बयान पर सवाल उठाते रहे हैं, जिससे अटकलें और बढ़ती हैं।
नीतीश की भाजपा से नाराजगी के प्रमुख कारण
नीतीश कुमार भाजपा के कुछ हालिया कदमों से असंतुष्ट हैं। गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा ने उनकी नाराजगी बढ़ाई है, जिसे भाजपा ने उनका व्यक्तिगत कार्यक्रम करार दिया है।
इसके अलावा, झारखंड विधानसभा चुनाव में जेडीयू को केवल दो सीटें दी गईं, जबकि पार्टी ने 11 सीटों की मांग की थी। इससे भी पार्टी के नेताओं के बीच असंतोष उत्पन्न हुआ।
नीतीश अररिया के भाजपा सांसद प्रदीप सिंह के बयान से भी नाखुश हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि अररिया में रहने के लिए हिंदू बनना होगा। नीतीश ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा, लेकिन जेडीयू ने इस पर अपनी कड़ी आपत्ति जाहिर की है।
चुनावी रणनीति पर नीतीश की सोच
नीतीश कुमार ने एनडीए की बैठक में भाजपा नेताओं को संयम बरतने और विवादित बयानों से बचने की हिदायत देने का फैसला लिया है।
आगामी उपचुनाव और विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए नीतीश यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किसी भी अप्रिय बयान से एनडीए गठबंधन को नुकसान न हो। इसके अलावा, जेडीयू के नेताओं के साथ बंद कमरे में भी एक विशेष बैठक होगी, जिसमें चुनावों के लिए सटीक रणनीति और विपक्ष के आरोपों का सामना करने की योजना बनाई जाएगी।
नीतीश का कड़ा रुख और संकेत
नीतीश का सख्त रुख भाजपा को स्पष्ट चेतावनी है कि वह अनर्गल बयानों से परहेज करें। हालांकि, आरजेडी के अटकलों के बावजूद, नीतीश का एनडीए से अलग होने का कोई इरादा नहीं है। भाजपा और नीतीश के बीच का यह तनाव बिहार की राजनीति को नए दिशा में मोड़ सकता है।
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