Tuesday, August 12, 2025
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सैटेलाइट इंटरनेट से नेटवर्क की कमी होगी दूर: एयरटेल का ‘मैजिक बुलेट’ तैयार, नेट की स्पीड बनाएगी रिकॉर्ड

भारतीय एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने हाल ही में सैटेलाइट इंटरनेट को देश की कनेक्टिविटी समस्याओं का “मैजिक बुलेट” करार दिया है।

मित्तल का मानना है कि सैटेलाइट इंटरनेट उन दूरदराज और नेटवर्कविहीन क्षेत्रों को जोड़ने का एक प्रभावी समाधान है, जहां आज तक इंटरनेट कनेक्टिविटी का अभाव है।

वर्तमान में भारत के लगभग 25 प्रतिशत क्षेत्र में इंटरनेट सेवा सीमित या बिल्कुल नहीं है, और एयरटेल का यह नया प्रयास देशभर के इंटरनेट कवरेज को व्यापक रूप से बढ़ाने का लक्ष्य रखता है।

सैटेलाइट इंटरनेट से नेटवर्क की कमी होगी दूर: एयरटेल का ‘मैजिक बुलेट’ तैयार
सैटेलाइट इंटरनेट से नेटवर्क की कमी होगी दूर: एयरटेल का ‘मैजिक बुलेट’ तैयार

सैटेलाइट इंटरनेट के माध्यम से डिजिटल कनेक्टिविटी

सैटेलाइट नेटवर्क को लेकर लंबे समय से चर्चा हो रही है। जियो, एयरटेल के बीच इसको लेकर सीधी टक्कर नजर आ रही है। अब एयरटेल की तरफ से भी इस पर जवाब दिया गया है।

बता दें, भारत में सैटेलाइट इंटरनेट को लागू करने के लिए एयरटेल ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। कंपनी ने गुजरात में दो और पुडुचेरी में एक ग्राउंड स्टेशन स्थापित किए हैं, जो सैटेलाइट इंटरनेट सेवा को सक्षम बनाने के लिए तैयार हैं।

सुनील मित्तल ने घोषणा की है कि जैसे ही सरकारी अनुमति प्राप्त होगी, यह सेवा देशभर में शुरू कर दी जाएगी। यह इंटरनेट सेवा दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच बनाने में सक्षम होगी, जो अब तक नेटवर्क से वंचित थे।

मैजिक बुलेट’ के रूप में सैटेलाइट इंटरनेट की क्षमता

सुनील मित्तल ने सैटेलाइट इंटरनेट को “मैजिक बुलेट” इसलिए कहा है क्योंकि यह उन इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने में मदद करेगा, जहां अब तक मोबाइल नेटवर्क और फाइबर की कनेक्टिविटी नहीं पहुंच पाई है।

जंगलों, तटीय क्षेत्रों और पहाड़ी इलाकों में कई लोग आज भी कनेक्टिविटी के अभाव में जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे स्थानों पर सैटेलाइट नेटवर्क एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जिससे न केवल स्थानीय लोगों को लाभ होगा, बल्कि टेलीकॉम ऑपरेटरों के लिए भी नए अवसर उत्पन्न होंगे।

वैश्विक कनेक्टिविटी के अवसर

वर्तमान में लगभग 2 बिलियन लोगों के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है, और भारत भी इस समस्या का सामना कर रहा है। सैटेलाइट नेटवर्क इस मुद्दे को दूर करने में सहायक साबित हो सकता है।

मित्तल का कहना है कि सैटेलाइट इंटरनेट का उपयोग उन इलाकों में किया जाएगा, जहां आज भी नेटवर्क की उपस्थिति नहीं है। इससे नेटवर्क कवरेज बढ़ाने में मदद मिलेगी, और देश के हर कोने तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंच सकेगा।

जियो और एयरटेल के बीच प्रतिस्पर्धा

सैटेलाइट इंटरनेट के क्षेत्र में एयरटेल के इस कदम से जियो और एयरटेल के बीच सीधी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। दोनों टेलीकॉम कंपनियां सैटेलाइट के माध्यम से कनेक्टिविटी प्रदान करने के प्रयास में हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी कंपनी पहले पूरे देश में सेवा शुरू कर पाती है।

समग्रता में सैटेलाइट इंटरनेट का भविष्य

सैटेलाइट इंटरनेट का उपयोग देश की डिजिटल संरचना को और मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होगा। सुनील मित्तल ने अपने बयान में कहा कि एयरटेल की तरफ से गुजरात और पुडुचेरी में ग्राउंड स्टेशनों की तैयारी पूरी हो चुकी है और जल्द ही इस सेवा का रोल आउट किया जाएगा।

मित्तल ने आश्वासन दिया है कि यह सेवा उन सभी क्षेत्रों तक पहुंचेगी, जो अब तक कनेक्टिविटी से वंचित थे।

एयरटेल का यह कदम न केवल तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी देश के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में विकास की गति को बढ़ाने में मददगार साबित होगा।

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