Monday, August 11, 2025
Bihar

Bihar politics: बिहार की राजनीति में नई हलचल: क्या आरसीपी सिंह की ‘आप सब की आवाज़’ बनेगी जनता की असली आवाज़ या सिर्फ काटेगी वोट?

बिहार की राजनीति में हर दिन एक नया मोड़ सामने आ रहा है | बता दे पिछले महीने 2 oct को ही प्रशांत किशोर ने अपनी नयी पार्टी जन सुराज की घोषणा की थी |

ऐसे ही बिहार की राजनीति में एक नई हलचल मचाने के उद्देश्य से पूर्व केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी रह चुके आरसीपी सिंह ने नई पार्टी आप सब की आवाज़’ का गठन किया है।

सिंह ने अपने संगठन की स्थापना दीपावली के दिन की और यह घोषणा की कि उनकी पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में 140 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

उनकी इस नई पहल का मुख्य उद्देश्य बिहार में विकास और जनसमस्याओं को दूर करना बताया गया है।

आरसीपी सिंह का कहना है कि उनकी पार्टी उन क्षेत्रों और लोगों की आवाज बनेगी, जिनकी समस्याओं को अन्य राजनीतिक दल अनसुना कर देते हैं। बिहार में रोजगार के साधनों की कमी और उद्योगों का अभाव है, जबकि सिंह का मानना है कि राज्य में विकास के कई स्रोत हैं, जो उचित योजना और नेतृत्व के अभाव में उपेक्षित हैं।

उनका दावा है कि यदि उन्हें कुछ समय और केंद्रीय सत्ता में कार्य करने का अवसर मिला होता, तो बिहार में सोने के भंडारों के दोहन पर भी कार्य आरंभ हो चुका होता।

आरसीपी सिंह, जो पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में रहे हैं, राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी माने जाते थे। लेकिन दोनों के बीच बढ़ते मतभेदों के चलते आरसीपी सिंह ने भाजपा का समर्थन कर लिया था।

भाजपा से भी समर्थन न मिलने पर उन्होंने अपनी नई पार्टी बनाने का निर्णय लिया। नई पार्टी के गठन के साथ ही सिंह ने नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून और राज्य के शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि उनके निशाने पर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू रहेगी।

आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी की घोषणा करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सराहना की, जो नीतीश कुमार के लिए एक परेशानी का सबब माना जा रहा है |

माना जा रहा है कि आरसीपी सिंह नीतीश कुमार की नीतियों की आलोचना कर राज्य के उन क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं, जो अभी तक जदयू का गढ़ माने जाते थे।

हालाँकि सिंह ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में किस गठबंधन के साथ चुनाव लड़ेगी। अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि उनकी रणनीति क्या रहती है और क्या वह जदयू के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब हो पाएंगे।

बता दें पिछले विधानसभा चुनावों में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने अकेले चुनाव लड़कर जदयू को काफी नुकसान पहुंचाया था।

आरसीपी सिंह की पार्टी का भी कुछ ऐसा ही उद्देश्य नजर आ रहा है। सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार के हर क्षेत्र में जाकर लोगों की समस्याओं को समझेगी और उनके समाधान पर कार्य करेगी। उनका संगठन बूथ स्तर पर काम करेगा ताकि अधिक से अधिक लोगों तक उनकी पार्टी की पहुंच हो सके।

सिंह का यह कदम दर्शाता है कि वे बिहार की राजनीति में एक मजबूत स्थान बनाना चाहते हैं।

अब सवाल यह है कि क्या ‘आप सब की आवाज़‘ बिहार के लोगों की वास्तविक आवाज बन सकेगी या केवल अन्य पार्टियों का वोट बैंक काटकर उन्हें नुकसान पहुंचाएगी।

सिंह के लिए चुनौतियां कम नहीं हैं, क्योंकि बिहार में पहले से ही कई दल सक्रिय हैं। हालांकि उनकी पार्टी की स्थापना ने बिहार की राजनीति में हलचल तो मचा दी है, लेकिन असल प्रभाव विधानसभा चुनावों के बाद ही स्पष्ट होगा।

आरसीपी सिंह के इस कदम से यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि वे जदयू के प्रभाव को कम कर सकते हैं।

बिहार के राजनीतिक माहौल में यह नई पारी कितनी असरदार होगी और लोगों का समर्थन कितना मिलेगा, यह आने वाले समय में ही साफ होगा। लेकिन सिंह के इरादे और उनकी नई पार्टी की रणनीति बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है।

ऐसे ही updated news पढ़ने के लिए हमारे पेज Pahlikhabar पर visit करें |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *