छठ पूजा 2024: बिहार में छठ घाटों की तैयारी जोरों पर, प्रशासन ने संभाली कमान
बिहार में दीपावली के बाद छठ महापर्व की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं। इस बार पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने खुद घाटों का निरीक्षण किया और व्रतियों के लिए सभी सुविधाओं का जायजा लिया। छठ पूजा बिहार का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो शुद्धता, पवित्रता, और लोक आस्था का प्रतीक माना जाता है।

छठ घाटों का निरीक्षण और तैयारियाँ
पटना के गंगा किनारे छठ घाटों की तैयारी में तेजी लाई जा रही है। जिलाधिकारी ने शुक्रवार को दानापुर, पालीगंज, और मसौढ़ी के छठ घाटों का दौरा किया। नासरीगंज घाट से निरीक्षण की शुरुआत करते हुए उन्होंने बताया कि सभी घाटों पर साफ-सफाई, बैरिकेडिंग, और सुरक्षा की तैयारी चल रही है।
प्रशासन ने व्रतियों की सुरक्षा एवं सुविधा का ख्याल देखते हुए तय किया है कि, हर घाट पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात रहेंगी ताकि व्रतियों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। सरकार के निर्देशानुसार सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं ताकि श्रद्धालु अपने अर्घ्य को सुरक्षित और आरामदायक तरीके से कर सकें।
गंगा का बढ़ा जलस्तर और सुरक्षा प्रबंध
इस वर्ष गंगा का जलस्तर पिछले साल की तुलना में लगभग एक मीटर अधिक होने की संभावना है, जिसके चलते विशेष सावधानी बरती जा रही है। इस स्थिति को देखते हुए सभी घाटों पर बैरिकेडिंग का कार्य शुरू हो गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि सभी घाटों पर पार्किंग स्थल की भी तैयारी की जा रही है ताकि भारी भीड़ के समय ट्रैफिक में व्यवधान न हो।
बता दें इस बार छठ के अवसर पर गंगा में नावों का परिचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा, और साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि व्रती बिना किसी अवरोध के पूजा कर सकें।
तालाबों की सफाई और अस्थायी तालाबों का निर्माण
पटना में छठ व्रतियों के लिए लगभग 60 अस्थायी तालाब बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही, स्थायी तालाबों की भी सफाई की जा रही है ताकि श्रद्धालु इन तालाबों में स्नान करके अपने अर्घ्य का पालन कर सकें। तालाबों की सफाई में भी प्रशासन ने पूरी तत्परता दिखाई है, और हर तालाब को छठ पूजा के समय तक तैयार करने का प्रयास हो रहा है।
छठ पूजा का महत्व और पूजा की तिथियाँ
chhath puja date time tableपंचांग के अनुसार इस वर्ष छठ महापर्व का नहाय खाय 5 नवंबर 2024, मंगलवार को होगा। नहाय खाय के दिन व्रत रखने वाले लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और लौकी-भात का प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस दिन से व्रतियों का कठिन तप और शुद्धता का पालन शुरू होता है।
इसके बाद, छठ पूजा का दूसरा दिन खरना 6 नवंबर 2024, बुधवार को होगा। इस दिन व्रती निर्जला उपवास रखते हैं और शाम को खीर का प्रसाद बनाते हैं। इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद ही व्रतियों का उपवास समाप्त होता है।
7 नवंबर 2024, गुरुवार को छठ पूजा का तीसरा दिन मनाया जाएगा, जिसमें व्रत करने वाले लोग डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। यह दृश्य अत्यंत भावुक और श्रद्धा से भरा होता है, जब लोग गंगा के घाटों पर इकट्ठा होकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
अंतिम दिन 8 नवंबर 2024, शुक्रवार को व्रती उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। इस अर्घ्य के साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाता है। इस दिन व्रतियों के तप, आस्था और श्रद्धा की पराकाष्ठा देखने को मिलती है। छठ पूजा के पारण के साथ ही यह पवित्र महापर्व सम्पन्न होता है।
छठ पूजा में प्रसाद का महत्व
छठ पूजा में विशेष प्रसाद जैसे ठेकुआ, केला और मौसमी फल चढ़ाए जाते हैं। इस पूजा में प्रसाद को शुद्धता और पवित्रता के साथ तैयार किया जाता है। ठेकुआ को छठ का प्रमुख प्रसाद माना जाता है, और यह गेहूं के आटे से बनाया जाता है। इस पर्व पर सभी व्रती शुद्धता और पवित्रता का विशेष ख्याल रखते हैं और अपने घरों में इस प्रसाद को बनाने में भी विशेष ध्यान देते हैं।
समर्पण और सेवा की भावना
प्रशासन के इस कार्य में समाज के लोगों का भी सहयोग मिल रहा है। कई स्वयंसेवी संस्थाएँ और स्थानीय लोग भी घाटों की सफाई और अन्य सुविधाओं की देखरेख में अपना योगदान दे रहे हैं। यह समर्पण और सेवा की भावना ही छठ महापर्व को विशेष बनाती है। इस पर्व पर लोग जाति, धर्म और वर्ग से ऊपर उठकर एकजुट होते हैं और एक-दूसरे के सहयोग से इस महापर्व को सफल बनाते हैं।
छठ महापर्व का यह पवित्र पर्व बिहार और आसपास के राज्यों में अत्यधिक श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लोगों की आस्था, प्रशासन का समर्पण, और समाज का सहयोग इस पर्व को बिहार की संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग बनाता है। छठ पूजा के दौरान घाटों पर हजारों व्रती और श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं, और यह दृश्य सम्पूर्ण लोक आस्था का प्रतीक बनता है।
इस प्रकार, बिहार में छठ महापर्व की तैयारियाँ अपने चरम पर हैं और जिलाधिकारी के नेतृत्व में हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि इस महापर्व को बिना किसी अवरोध के सम्पन्न किया जा सके। छठ पूजा का यह पर्व न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि बिहार के लोगों की सामूहिकता और श्रद्धा का भी प्रतीक है।
आपकी छठ पूजा की तैयारी कैसी चल रही है?
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