Monday, August 11, 2025
Bihar

बिहार में सुल्तानगंज का नाम बदलकर ‘अजगैबीनाथ धाम’ करने की कवायद जारी, सांस्कृतिक पहचान को मिलेगा नया आयाम

बिहार में भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर पौराणिक धरोहरों की वापसी का सिलसिला जारी है, और इसी कड़ी एक और नाम सुल्तानगंज का नाम बदलकर ‘अजगैबीनाथ धाम’ करने की कवायद जोर पकड़ रही है। बताया जा रहा है, नगर परिषद ने सुल्तानगंज का नाम बदलने का प्रस्ताव पास कर राज्य सरकार को भेजा था, और अब इसे केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी हो रही है।

सुल्तानगंज का नाम ‘अजगैबीनाथ धाम’ रखने की तैयारी, पौराणिक धरोहर को नया आयाम
सुल्तानगंज का नाम ‘अजगैबीनाथ धाम’ रखने की तैयारी, पौराणिक धरोहर को नया आयाम

अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो यह क्षेत्र जल्द ही अपने प्राचीन और पौराणिक नाम ‘अजगैबीनाथ धाम’ से जाना जाएगा।

सुल्तानगंज का इतिहास और नाम बदलने की परंपरा

इतिहासकारों की माने तो, सुल्तानगंज का ऐतिहासिक नाम ‘हिरणपुरी’ था, जो कालांतर में बदलते हुए ‘जहन्नुगिरी’ और फिर ‘जहांगीरा’ हो गया। इतिहासकार आलोक कुमार के अनुसार, यह क्षेत्र अंग क्षेत्र का हिस्सा था और इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इसे व्यापारिक केंद्र के रूप में भी महत्व दिया जाता था।

एक पौराणिक कथा के अनुसार, यहां जहन्नु ऋषि ने तपस्या के दौरान गंगा को पी लिया था और देवताओं के आग्रह पर उन्होंने अपनी जंघा से गंगा को फिर से प्रवाहित किया। इस कथा के आधार पर इसका नाम ‘जहन्नुगिरी’ पड़ा, जो बाद में ‘जहांगीरा’ और मुगल शासनकाल में ‘सुल्तानगंज’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

अजगैबीनाथ धाम: का भगवान शिव से जुड़ी मान्यता

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस स्थान का संबंध भगवान शिव से भी है। कहते हैं कि यहाँ भगवान शिव को ‘अजगब’ नाम का धनुष प्राप्त हुआ था। सावन के महीने में यहां से जल भरकर लाखों श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ धाम की ओर कांवड़ यात्रा के लिए जाते हैं। इसलिए, स्थानीय लोगों का मानना है कि इसका पौराणिक नाम ‘अजगैबीनाथ धाम’ इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को पुनर्जीवित करेगा।

नाम बदलने को लेकर लोगों में उत्साह

नाम बदलने की प्रक्रिया से स्थानीय लोग बेहद उत्साहित हैं। उनका मानना है कि ‘अजगैबीनाथ धाम’ नाम से यह जगह अपनी प्राचीन धरोहर और परंपरा से जुड़ेगी, जिससे सांस्कृतिक पहचान को और अधिक मजबूती मिलेगी। लोगों को उम्मीद है कि आगामी सावन तक इसका उद्घाटन ‘अजगैबीनाथ धाम’ के नाम से किया जाएगा। यहां तक कि रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव भी भेजा गया है, ताकि आने वाले श्रद्धालुओं के लिए इसे एक नए धार्मिक स्थल के रूप में पहचान मिल सके।

संस्कृति और पहचान का पुनरुद्धार

सुल्तानगंज का नाम बदलकर ‘अजगैबीनाथ धाम’ करना केवल एक नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पुनरुद्धार का प्रतीक है। इससे न केवल धार्मिक महत्व को बल मिलेगा बल्कि बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को भी नई पहचान मिलेगी। बिहार में नाम बदलने का यह कदम उत्तर प्रदेश की तरह ही अपने पुराने सांस्कृतिक और धार्मिक नामों की ओर लौटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

संभावित प्रभाव

नाम परिवर्तन से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है, क्योंकि यह स्थान धार्मिक आस्था का केंद्र बन सकता है। इससे स्थानीय रोजगार और व्यापार में भी बढ़ोतरी हो सकती है।

बिहार की धरती पर इस पौराणिक स्थल को ‘अजगैबीनाथ धाम’ नाम से मान्यता मिलने पर स्थानीय निवासियों में हर्ष का माहौल है। यह कदम न केवल बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को संजोएगा, बल्कि यहां की आने वाली पीढ़ियों को अपनी ऐतिहासिक धरोहर से जोड़ने का अवसर भी प्रदान करेगा।

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