Monday, August 11, 2025
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Apple जैसी LiDAR टेक्नोलॉजी से रेलवे रोकेगा हादसे, पटरियों की सुरक्षा में लाएगा बड़ा बदलाव

बीते कुछ महीनो से रेल दुर्घटनाओं को देखते हुए रेलवे द्वारा एक नयी टेक्नोलॉजी को उपयोग में लाने की कवायद जोरों से किया जा रहा है। बता दें भारत में रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय रेलवे अब अत्याधुनिक LiDAR (लाइट डिटेक्टिंग एंड रेंजिंग) टेक्नोलॉजी का उपयोग करने की योजना बना रही है।

यह वही तकनीक है जो Apple अपने iPhones में इस्तेमाल करता है और जिसे हवाई मानचित्रण, स्वायत्त वाहन और इमारतों की संरचना जांचने में भी प्रमुखता से उपयोग किया जाता है।

LiDAR की मदद से रेलवे अब पटरियों में किसी भी प्रकार की टूट-फूट, गड़बड़ी या अवरोध को सटीक रूप से पहचान सकेगा। इस तकनीक के उपयोग से भारतीय रेलवे को हर साल होने वाले सैकड़ों हादसों को रोकने में मदद मिल सकती है।

रेलवे में LiDAR टेक्नोलॉजी का उपयोग, ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने का प्रयास
रेलवे में LiDAR टेक्नोलॉजी का उपयोग, ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने का प्रयास

क्या है LiDAR टेक्नोलॉजी?

LiDAR टेक्नोलॉजी एक उन्नत लेजर आधारित प्रणाली है जो प्रकाश की किरणों के माध्यम से किसी भी ऑब्जेक्ट की दूरी, आकार और स्थिति की जानकारी प्राप्त करती है।

इस तकनीक में कई सेंसर होते हैं जो पटरियों पर टूट-फूट, गैप, या अन्य खराबियों का 3D मैप तैयार करते हैं। इस डेटा के आधार पर रेलवे ट्रैक का एक डिजिटल मॉडल तैयार होता है जिससे किसी भी गड़बड़ी को तुरंत पहचाना जा सकता है।

LiDAR तकनीक की मदद से भारतीय रेलवे पटरियों पर रखरखाव का स्तर बढ़ा सकता है और रेल दुर्घटनाओं में महत्वपूर्ण कमी ला सकता है।

LiDAR टेक्नोलॉजी कब लागू होगी?

रिपोर्ट्स के अनुसार, अगले दो वर्षों में इस तकनीक को देश भर में लागू करने की योजना है। इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में 1,000 ट्रेनों और 1,500 किलोमीटर ट्रैक को LiDAR सिस्टम से लैस किया जाएगा।

अनुमान के अनुसार, इस योजना का क्रियान्वयन 18 से 24 महीने में पूरा किया जा सकता है। वर्तमान में पटरियों की जांच मैन्युअल तरीके से की जाती है, लेकिन LiDAR के जरिए रेलवे एक सटीक और तेज सिस्टम विकसित करेगा जिससे ट्रेन हादसों की आशंका को कम किया जा सकेगा।

रेल सुरक्षा के अन्य प्रयास

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि LiDAR के साथ ही भारतीय रेलवे अन्य हाई-टेक प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रहा है। इसमें रेलवे कोच और इंजनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिन पर 15,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ये कैमरे यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और आपात स्थितियों की निगरानी में सहायक होंगे।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर LiDAR का इस्तेमाल

दुनिया के अन्य देशों में भी LiDAR का इस्तेमाल ट्रांसपोर्टेशन और रेलवे के क्षेत्र में किया जा रहा है। जापान, अमेरिका और यूरोपीय देशों में रेल पटरियों की सुरक्षा के लिए यह तकनीक कारगर साबित हुई है।

जापान में इस तकनीक के उपयोग से वहां रेलवे की दुर्घटनाओं में करीब 50% की कमी देखी गई है। भारत जैसे विशाल रेल नेटवर्क वाले देश में भी LiDAR से बड़े स्तर पर सुरक्षा बढ़ाने की उम्मीद है।

क्या LiDAR तकनीक भारतीय रेलवे को अधिक सुरक्षित बना पाएगी?

ऐसे ही रेलवे से जुड़ी नई तकनीकी और सुरक्षा सुधारों के अपडेट्स के लिए हमारे website से जुड़ें रहें!

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