Monday, August 11, 2025
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एलन मस्क का स्टारलिंक: डिजिटल भारत की ओर कदम या राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल?

नई दिल्ली: एलन मस्क का स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया है कि स्टारलिंक को सभी नियमों और सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा। उन्होंने कहा,
“उन्हें लाइसेंस प्राप्त करने के लिए सुरक्षा और अन्य सभी आवश्यकताओं को पूरा करना होगा। प्रक्रिया चल रही है, और सभी मानदंड पूरे होने के बाद उन्हें लाइसेंस दिया जाएगा।”

लेकिन जैसे-जैसे यह खबर सुर्खियों में आई है, देश के सुरक्षा विशेषज्ञ और थिंकटैंक कुटनिटी फाउंडेशन ने इस परियोजना पर गंभीर चिंताएं जताई हैं।

एलन मस्क का स्टारलिंक: गेम-चेंजर या खतरा? स्टारलिंक की तकनीक और राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव

एलन मस्क का स्टारलिंक, जो स्पेसएक्स के तहत आता है, दुनिया भर में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करता है। इसमें लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) उपग्रहों का एक नेटवर्क शामिल है, जो ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं को पृथ्वी पर कहीं भी पहुंचा सकता है।

लेकिन कुटनिटी फाउंडेशन ने इसे “भेड़ के भेष में भेड़िया” करार दिया है। उनके अनुसार:

  • स्टारलिंक की तकनीक दोहरे उपयोग वाली है।
  • इसके सबसे बड़े ग्राहक और प्रमोटर अमेरिकी सरकार की खुफिया और सैन्य एजेंसियां हैं।
  • उपग्रह संचार (सैटकॉम) की प्रकृति के कारण, इसके संचालन का नियंत्रण भारत के बाहर हो सकता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।

क्यों उठ रहे हैं सवाल?

  • पारंपरिक मोबाइल नेटवर्क टावर-आधारित होते हैं, जबकि सैटकॉम उपग्रहों का उपयोग करता है।
  • यदि इन सैटेलाइट्स का नियंत्रण विदेशी संस्थाओं के पास है, तो यह डाटा गोपनीयता और सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है।
  • भारत में स्टारलिंक को सेवा देने के लिए एफएसएस (Fixed Satellite Services) लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है, जिसमें सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करना होता है।

भारत में एलन मस्क का स्टारलिंक: संभावनाएं और चुनौतियां

स्टारलिंक से क्या होगा फायदा?

  • भारत के कई ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में अभी तक तेज़ इंटरनेट उपलब्ध नहीं है।
  • स्टारलिंक 100 Mbps तक की हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं प्रदान कर सकता है।
  • यह शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, और डिजिटल ई-कॉमर्स के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है।
  • डिजिटल इंडिया मिशन को गति देने और ग्रामीण भारत को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद करेगा।

क्या यह लागत-प्रभावी होगा?

  • भारत जैसे देश में इंटरनेट सेवाओं की कीमत बड़ी चुनौती होगी।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च कीमतों पर इंटरनेट सेवाएं स्वीकार्य नहीं होंगी।

एलन मस्क का स्टारलिंक का वैश्विक परिदृश्य

  • स्टारलिंक ने अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और जापान जैसे देशों में सफलतापूर्वक सेवाएं शुरू की हैं।
  • लेकिन भारत जैसे देशों में इसे स्थानीय प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा, जैसे:
    • जियो सैटनेट
    • वनवेब (भारतीय कंपनी भारती एंटरप्राइजेज और यूके सरकार का संयुक्त उपक्रम)।

स्टारलिंक की भारत में गतिविधियां

  • 2021 में स्टारलिंक ने ₹7,500 की शुरुआती कीमत पर प्री-बुकिंग शुरू की थी।
  • करीब 5,000 प्री-बुकिंग्स प्राप्त हुई थीं, लेकिन सरकार की अनुमति के अभाव में ये कैंसिल करनी पड़ीं।
  • कंपनी ने संजय भार्गव को भारत का कंट्री हेड नियुक्त किया, लेकिन उन्होंने कुछ समय बाद इस्तीफा दे दिया।

आगे का रास्ता: स्टारलिंक बनाम भारत के हित

सरकार के लिए यह महत्वपूर्ण है कि स्टारलिंक को अनुमति देने से पहले सभी सुरक्षा और गोपनीयता पहलुओं की समीक्षा की जाए।

क्या भारत तैयार है?

  • भारत सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी विदेशी कंपनी भारत के साइबरस्पेस और डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर नियंत्रण न कर सके।
  • स्टारलिंक को भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा प्रोटेक्शन नियमों का पालन करना होगा।

यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत में एलन मस्क का स्टारलिंक किस प्रकार अपनी सेवाएं शुरू करता है और यह डिजिटल इंडिया के लिए वरदान साबित होता है या एक नई चुनौती।

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