Sunday, August 10, 2025
Bihar

Bihar Land Survey: बिहार सरकार का बड़ा कदम ‘खास महाल जमीन’ पर सख्ती, अवैध कब्जों पर कार्रवाई की तैयारी

Bihar Land Survey: बिहार में ‘खास महाल जमीन’, जो पट्टे पर दी गई सरकारी जमीन है, अब राज्य सरकार की सख्त निगरानी में आ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में इस जमीन पर हुए अवैध कब्जों और लीज शर्तों के उल्लंघन पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

इस संबंध में राजस्व और भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वैध लीज धारकों को परेशान नहीं किया जाएगा, लेकिन अवैध कब्जेदारों और लीज उल्लंघनकर्ताओं पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।

खास महाल जमीन पर सरकार की नजर

राज्य सरकार ने खास महाल जमीन से जुड़े विवादों और लीज शर्तों के उल्लंघन की शिकायतों की समीक्षा शुरू की है। यह जमीन मुख्य रूप से पटना, सासाराम, मुंगेर और पूर्णिया जैसे शहरों में फैली हुई है। अकेले पटना में ऐसी जमीन का रकबा 137 एकड़ है। खास महाल जमीन की कुल रकबा लगभग 4200 एकड़ है, जो शहरों के मध्य में स्थित है और इसकी बाजार कीमत भी काफी बढ़ चुकी है।

लीज शर्तों का उल्लंघन और अवैध कब्जे

इस जमीन से जुड़ी प्रमुख समस्याओं में लीज शर्तों का पालन न करना और अवैध स्वामित्व परिवर्तन शामिल हैं। शिकायतें आई हैं कि मूल लीज धारकों के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारियों ने यह जमीन बेच दी, जो लीज की शर्तों का उल्लंघन है। इसके अलावा, कई जगहों पर इस जमीन का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है, जबकि इसे आवासीय उपयोग के लिए आवंटित किया गया था।

Bihar Land Survey: 2022 में हुआ था सर्वे

फरवरी 2022 में सरकार ने खास महाल जमीन का सर्वेक्षण शुरू किया था। 12 जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) को जिम्मेदारी दी गई थी कि वे लीज और स्वामित्व विवादों की जांच करें। डीएम को यह निर्देश दिया गया था कि वैध स्वामित्व वालों का लीज नवीनीकरण किया जाए, जबकि अवैध कब्जों पर कार्रवाई कर जमीन का अधिग्रहण किया जाए। हालांकि, इस सर्वेक्षण का ठोस परिणाम नहीं आ पाया था।

राजस्व बढ़ाने पर भी नजर

राजस्व और भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने यह भी बताया कि खास महाल जमीन से मिलने वाला राजस्व इसकी बाजार कीमत और उपयोगिता की तुलना में बहुत कम है। सरकार अब ऐसी रणनीति पर विचार कर रही है, जिससे वैध स्वामित्व बनाए रखते हुए राजस्व की प्राप्ति बढ़ाई जा सके।

खास महाल नीति और डीएम की जवाबदेही

2011 में लागू खास महाल नीति के तहत ऐसी जमीन की पूरी जवाबदेही जिलाधिकारियों को दी गई थी। इसके बावजूद लीज शर्तों के उल्लंघन और अवैध कब्जों की समस्या बनी हुई है। अब सरकार डीएम को अधिक अधिकार देकर कार्रवाई सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है।

क्या बोले मंत्री?

डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य वैध लीज धारकों को कोई असुविधा न होने देना है। वहीं, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि अवैध कब्जे और स्वामित्व परिवर्तन की शिकायतें न आएं।

सरकार की सख्ती का असर

राज्य सरकार की इस पहल से खास महाल जमीन पर अवैध कब्जों और लीज उल्लंघनों पर रोक लगाने की उम्मीद है। यह कदम न केवल सरकार को अधिक राजस्व दिलाने में मदद करेगा, बल्कि शहरी क्षेत्रों में जमीन के न्यायसंगत उपयोग को भी बढ़ावा देगा।

बिहार सरकार के इस बड़े कदम से खास महाल जमीन के मालिकों और अवैध कब्जेदारों पर क्या असर पड़ेगा?

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