Sunday, August 10, 2025
Bihar

बिहार के अधिकारियों के लिए रोमांचक प्रशिक्षण: केके पाठक की चिट्ठी से मिली बड़ी खुशखबरी

बिहार सरकार ने अपने अधिकारियों के कौशल विकास के लिए एक नई और अनोखी पहल की है। इस पहल के तहत, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), पुलिस सेवा (IPS), वन सेवा (IFS), और इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारियों को पर्वतारोहण (Mountaineering), स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग, और ट्रैकिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह रोमांचक और चुनौतीपूर्ण प्रशिक्षण बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (BIPARD) द्वारा आयोजित किया जाएगा।

केके पाठक ने भेजी चिट्ठी

बिपार्ड के महानिदेशक केके पाठक ने इस नई योजना को लेकर सभी विभागीय प्रमुखों, अपर मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों, प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि जो लोग इस प्रशिक्षण में भाग लेना चाहते हैं, वे अपने आवेदन जल्द से जल्द प्रस्तुत करें।

इस योजना के तहत, अलग-अलग बैच बनाकर अधिकारियों को दार्जिलिंग के हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान में पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भेजा जाएगा। इस प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए, संबंधित विभागीय प्रमुखों की अनुमति अनिवार्य होगी।

अधिकारियों के लिए रोमांचक अनुभव का मौका

यह प्रशिक्षण केवल शारीरिक और मानसिक मजबूती को बढ़ाने का अवसर नहीं है, बल्कि अधिकारियों को उनकी रोजमर्रा की भूमिकाओं में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करेगा। पर्वतारोहण जैसी गतिविधियां नेतृत्व, समस्या समाधान, और दबाव में काम करने की क्षमता को निखारने में सहायक होती हैं।

पर्वतारोहण और प्रशिक्षण के प्रकार

यह प्रशिक्षण अलग-अलग तरह की रोमांचक गतिविधियों पर केंद्रित होगा, जैसे:

  • पहाड़ी चढ़ाई (Hill Climbing): पहाड़ों पर चढ़ाई करना।
  • आइस क्लाइम्बिंग (Ice Climbing): बर्फीले पहाड़ों पर चढ़ाई।
  • रॉक क्लाइम्बिंग (Rock Climbing): चट्टानों और ऊंची पहाड़ियों पर चढ़ाई।

पर्वतारोहण के लिए जरूरी उपकरण

इस प्रशिक्षण के दौरान निम्नलिखित उपकरणों का उपयोग सिखाया जाएगा:

  • क्लाइम्बिंग शूज: विशेष जूते, जो पहाड़ों पर चढ़ाई में सहायक होते हैं।
  • क्लाइम्बिंग हेलमेट: सिर की सुरक्षा के लिए।
  • क्लाइम्बिंग रोप: सुरक्षा के लिए रस्सियों का उपयोग।
  • क्लाइम्बिंग हार्नेस: शरीर को सुरक्षित रखने के लिए।

बिहार सरकार का उद्देश्य

बिहार सरकार इस प्रशिक्षण के जरिए अपने अधिकारियों को न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाना चाहती है, बल्कि उन्हें एक रोमांचक अनुभव भी प्रदान करना चाहती है। यह कदम उनके कौशल विकास का एक हिस्सा है, जो उन्हें जटिल परिस्थितियों में बेहतर निर्णय लेने के लिए तैयार करेगा।

निष्कर्ष

बिहार सरकार की यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकती है। यह केवल प्रशासनिक कौशल तक सीमित नहीं है, बल्कि एक नई और रोमांचक पहल है, जो अधिकारियों को नई ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ अपने कार्यों को बेहतर तरीके से अंजाम देने में सक्षम बनाएगी।

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