Bihar Weather: बिहार में नवंबर ने तोड़ा 5 साल का तापमान रिकॉर्ड, जानें खतरनाक संकेत और वजह
Bihar Weather: बिहार में इस बार नवंबर का महीना पिछले 5 वर्षों के मुकाबले सबसे गर्म रहा है। यह न केवल एक सामान्य मौसम घटना है, बल्कि पर्यावरण में बढ़ते खतरे का स्पष्ट संकेत है। पटना, गया और भागलपुर जैसे प्रमुख शहरों में तापमान में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है। पटना में इस नवंबर का अधिकतम तापमान 34.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है।
कम वर्षा और प्रदूषण ने बढ़ाई गर्मी

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, इस वर्ष नवंबर में बारिश की कमी ने तापमान में वृद्धि में प्रमुख भूमिका निभाई है। पटना में 2020 में जहां अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री था, वहीं इस बार यह 34.1 डिग्री तक पहुंच गया। गया में 2020 में नवंबर का तापमान 31.9 डिग्री दर्ज किया गया था, जो इस बार बढ़कर 33.8 डिग्री हो गया। भागलपुर में भी इसी तरह का तापमान वृद्धि दर्ज की गई, जहां इस बार 34.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
रातें हो रहीं ठंडी, दिन बने चुनौती
हालांकि, देर रात तापमान में गिरावट देखी जा रही है, जिससे न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। मंगलवार को औरंगाबाद 30 डिग्री सेल्सियस के साथ राज्य का सबसे गर्म स्थान रहा। वहीं, किशनगंज राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
शामें छोटी और सर्द, लेकिन दिन की गर्मी परेशान
बिहार में इस समय शामें ठंडी और रातें लंबी हो रही हैं, लेकिन दिन की गर्मी लोगों को हैरान कर रही है। अगहन के महीने में ही पूष माह का असर दिखने लगा है। दिन छोटा महसूस हो रहा है, और शाम होते ही गर्म कपड़ों की जरूरत महसूस होने लगी है।
बदलते मौसम का संकेत
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बढ़ता तापमान जलवायु परिवर्तन का स्पष्ट संकेत है। कम बारिश, बढ़ता प्रदूषण और पर्यावरणीय असंतुलन ने बिहार के तापमान में इस बदलाव को जन्म दिया है। राजधानी पटना की हवा में 74% आर्द्रता दर्ज की गई है, जो प्रदूषण और असंतुलित मौसम का सूचक है।
सर्दियों की तैयारी शुरू
लोग अब सर्दियों के लिए तैयारियां कर रहे हैं। फुटपाथों पर गर्म कपड़ों की दुकानें सजने लगी हैं। लोग अपने पुराने गर्म कपड़े निकालकर उन्हें धूप में सुखाने लगे हैं। हालांकि, इस गर्मी और ठंड के असामान्य मिश्रण ने चिंता को बढ़ा दिया है।
निष्कर्ष:
बिहार में नवंबर के तापमान ने 5 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यह केवल एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह संकेत है कि हमें पर्यावरणीय असंतुलन को गंभीरता से लेने की जरूरत है। यह जरूरी है कि हम अपने वातावरण को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाएं।