फेस्टिव सीजन में भी नहीं मिल रही कंफर्म टिकट? जानें भारतीय रेलवे के ताज़ा आंकड़े और भीड़ से बचने के उपाय!
फेस्टिवल सीजन आते ही भारतीय रेलवे में यात्रियों की भीड़ बढ़ जाती है। खासकर दीवाली और छठ जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों के दौरान, जब लोग अपने घरों को लौटने के लिए टिकट महीनों पहले बुक कर लेते हैं। इसके बावजूद, एक बड़ी संख्या में यात्रियों को कंफर्म टिकट नहीं मिलती।
इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि इस साल के फेस्टिव सीजन में भारतीय रेलवे ने कितने लोगों को कंफर्म टिकट दी है, कितने यात्रियों को वेटिंग टिकट पर यात्रा करनी पड़ी, और इस बार रेलवे ने भीड़ को काबू में करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए हैं।
फेस्टिव सीजन में भारतीय रेलवे की बढ़ी चुनौती
हर साल त्योहारी सीजन में भारतीय रेलवे को भारी भीड़ का सामना करना पड़ता है। इस सीजन में रेलवे ने विशेष रूप से यात्रियों की संख्या को संभालने के लिए 7,500 अतिरिक्त ट्रेनें चलाई हैं।
सामान्य दिनों में रेलवे 10,000 ट्रेनों का संचालन करता है, लेकिन इस फेस्टिव सीजन में यह संख्या बढ़कर 17,500 ट्रेनें हो गई।
इसके बावजूद यात्रियों की भीड़ में कोई कमी नहीं आई है, खासकर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश जाने वाली ट्रेनों में, जहां छठ पूजा के चलते यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ी है।
आंकड़े जो करेंगे आपको हैरान
भारतीय रेलवे के अनुसार, हर दिन लगभग 1.03 करोड़ यात्री यात्रा करते हैं। इनमें से सिर्फ 22-23 लाख यात्रियों को ही कंफर्म टिकट मिल पाती है।
इसका मतलब है कि लगभग 80 लाख यात्रियों को कंफर्म टिकट नहीं मिल पाती है। इनमें से भी केवल 4.5 लाख यात्रियों की टिकट वेटिंग लिस्ट से कंफर्म हो पाती है।
पहले करीब 60 प्रतिशत टिकटें ही कंफर्म नहीं हो पाती थीं, लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 80 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
क्यों बढ़ रही है कंफर्म टिकट न मिलने की समस्या?
- यात्रियों की संख्या में इजाफा: हर साल त्योहारों के दौरान यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा होता है, खासकर मेट्रो शहरों से छोटे शहरों और गांवों की ओर जाने वाली ट्रेनों में।
- सीटों की कमी: हालांकि रेलवे ने अतिरिक्त ट्रेनें चलाई हैं, फिर भी सीटों की संख्या यात्रियों की संख्या के मुकाबले बहुत कम है। इस वजह से कंफर्म टिकट मिलने की संभावना कम हो जाती है।
- पूरे देश में ट्रैवल पैटर्न: हाल के वर्षों में लोगों का ट्रैवल पैटर्न बदला है, जिसमें काम की तलाश में लोग बड़े शहरों में बसते हैं और त्योहारों पर घर लौटते हैं। इससे भीड़ में बढ़ोतरी हो रही है।
रेलवे का प्रयास: स्पेशल ट्रेनें और नए कोटे
भारतीय रेलवे ने इस बार भीड़ को कम करने के लिए कई नए कोटे भी बनाए हैं। इनमें वरिष्ठ नागरिक, महिला, और दिव्यांग यात्रियों के लिए आरक्षित कोटा शामिल है।
इसके अलावा रेलवे ने बड़ी संख्या में स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं और कई प्रमुख रूट्स पर एक्सप्रेस ट्रेनों के फेरे बढ़ाए हैं। फिर भी मांग इतनी अधिक है कि यात्री अक्सर कंफर्म टिकट पाने में असफल हो जाते हैं।
रेलवे का डिजिटल समाधान: ऑनलाइन बुकिंग में सुधार
रेलवे ने डिजिटल माध्यम से टिकट बुकिंग प्रक्रिया को आसान और तेज़ करने की कोशिश की है। IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर अधिकतम बुकिंग लिमिट बढ़ाई गई है ताकि यात्रियों को बुकिंग में आसानी हो।
रेलवे ने यह भी सुनिश्चित किया है कि टिकट बुकिंग के दौरान सर्वर डाउन की समस्या न आए, जिससे यात्रियों को बेहतरीन अनुभव मिल सके।
कंफर्म टिकट पाने के लिए यात्रियों के सुझाव
- अर्ली बुकिंग: टिकट बुक करने के लिए त्योहार से कम से कम 3-4 महीने पहले ही कोशिश करें।
- तत्काल योजना: तत्काल बुकिंग का विकल्प चुनें, हालांकि इसमें भीड़ ज्यादा होती है, लेकिन कभी-कभी इससे कंफर्म टिकट मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
- ऑल्टरनेट रूट्स: अगर संभव हो तो दूसरे रूट्स और ट्रेनों पर विचार करें। कई बार वैकल्पिक मार्गों से जाने पर कंफर्म टिकट मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
निष्कर्ष
भारतीय रेलवे हर फेस्टिव सीजन में अपने स्तर पर यात्रियों की भीड़ को संभालने के लिए नए-नए उपाय करता है। फिर भी, टिकट कंफर्मेशन की समस्या बनी हुई है।
यात्री भीड़भाड़ से बचने के लिए विभिन्न विकल्पों को आजमाते हैं। इस सीजन में रिकॉर्ड संख्या में चल रही ट्रेनों के बावजूद, अधिकांश यात्रियों को कंफर्म टिकट नहीं मिल पाई।
अगर आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं, तो ऊपर बताए गए सुझावों का पालन करके अपनी यात्रा को सुविधाजनक बना सकते हैं।
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