IND vs NZ: न्यूजीलैंड ने रचा इतिहास, भारत को 94 साल में पहली बार घरेलू टेस्ट सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप
नई दिल्ली। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में जो काम भारतीय सरज़मीं पर कोई विदेशी टीम कभी नहीं कर पाई थी, वह न्यूजीलैंड ने कर दिखाया।
न्यूज़ीलैंड ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत को 3-0 से हराकर नया इतिहास रचा।

यह पहली बार है जब भारतीय टीम अपने घरेलू मैदान पर किसी टीम से सीरीज में इतनी बड़ी हार का सामना कर रही है।
IND vs NZ: तीसरे टेस्ट में भारत को मिली करारी शिकस्त
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में न्यूज़ीलैंड ने भारत को 25 रनों से हरा दिया।
सीरीज के तीसरे और अंतिम मैच में जीत के साथ न्यूज़ीलैंड ने 3-0 की अविश्वसनीय बढ़त के साथ इस सीरीज को भी जीत लिया है|
बेंगलुरु और पुणे में की शानदार शुरुआत
न्यूज़ीलैंड ने सीरीज का पहला और दूसरा टेस्ट बेंगलुरु और पुणे में जीता था। इन दोनों मैचों में न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम को बैकफुट पर धकेल दिया था।
विशेषकर न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा।
तीसरे टेस्ट में भारत की हार के कारण
तीसरे टेस्ट में भारत को जीतने के लिए 147 रनों की जरूरत थी, लेकिन भारतीय टीम 121 रनों पर ही सिमट गई।
जीत के लिए लगभग तीन दिन का समय बचा था, फिर भी न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के आगे भारतीय बल्लेबाज टिक नहीं पाए और दूसरे ही सेशन में पूरी टीम ऑलआउट हो गई।
न्यूज़ीलैंड के चमकते सितारे
- काइल जैमीसन: सीरीज में न्यूज़ीलैंड के स्टार तेज गेंदबाज काइल जैमीसन ने अपनी घातक गेंदबाजी से भारतीय बल्लेबाजों को काफी परेशान किया। जैमीसन ने पूरी सीरीज में 18 विकेट हासिल किए, जिसमें तीसरे टेस्ट में उनके 6 विकेट भी शामिल हैं। उनकी गति और स्विंग ने भारतीय बल्लेबाजों को बड़ा स्कोर बनाने से रोका।
- एजाज पटेल: मुंबई टेस्ट में स्पिनर एजाज पटेल ने भी असाधारण प्रदर्शन किया। एजाज ने तीसरे टेस्ट में 10 विकेट लिए, जिसमें भारतीय टीम की पहली पारी में 6 विकेट शामिल थे। पटेल का स्पिन भारतीय बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें लेकर आया।
- केन विलियमसन: भले ही कप्तान केन विलियमसन ने इस सीरीज में बड़ी पारियाँ नहीं खेली, लेकिन उन्होंने टीम की कप्तानी में बेहतरीन रणनीति बनाई। विलियमसन ने अपनी कप्तानी से भारतीय गेंदबाजों की कमजोरियों का फायदा उठाया।
- टॉम लैथम: कप्तान लैथम ने सीरीज में कड़ा योगदान दिया। खासकर तीसरे टेस्ट में उनके 55 रनों की पारी ने टीम को अच्छे स्कोर तक पहुँचाया। इसके अलावा उनकी कप्तानी ने टीम के प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई।
आंकड़ों में न्यूज़ीलैंड की जीत
- न्यूजीलैंड के कुल विकेट: न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने पूरी सीरीज में कुल 48 विकेट चटकाए।
- भारतीय टीम का औसत स्कोर: भारतीय टीम का औसत स्कोर सिर्फ 187 रन प्रति पारी रहा, जो घरेलू पिचों पर बेहद खराब रहा।
- सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज: भारतीय टीम के लिए चेतेश्वर पुजारा ने सर्वाधिक 220 रन बनाए, लेकिन उनकी यह पारी टीम को जीत दिलाने में नाकाम रही।
न्यूज़ीलैंड की रणनीति और ग्रीन पिच का फायदा
न्यूज़ीलैंड ने सीरीज के दौरान ग्रीन पिचों का लाभ उठाया। भारतीय पिचों पर घास युक्त पिचों का होना असामान्य है, लेकिन न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने इसका भरपूर फायदा उठाया और तेज गेंदबाजी से भारतीय बल्लेबाजों को आउट किया।
भारतीय टीम की कमियां
- मध्यक्रम का खराब प्रदर्शन: भारत का मध्यक्रम इस सीरीज में सबसे बड़ी कमजोरी साबित हुआ। विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, और ऋषभ पंत जैसे बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर पाए।
- गेंदबाजों की कमजोरियाँ: भारतीय गेंदबाजों में वह धार नहीं दिखी जो घरेलू मैदानों पर आमतौर पर देखने को मिलती है। मोहम्मद शमी और उमेश यादव ने कुछ विकेट लिए लेकिन अहम मौकों पर रन रोकने में असफल रहे।
- विराट कोहली का फॉर्म: भारतीय कप्तान विराट कोहली का खराब फॉर्म भी टीम की हार का एक बड़ा कारण रहा। उन्होंने पूरी सीरीज में केवल 90 रन बनाए।
न्यूजीलैंड के लिए ऐतिहासिक जीत की अहमियत
- पहली बार 3-0 से क्लीन स्वीप: किसी भी विदेशी टीम ने इससे पहले भारत को भारतीय जमीन पर 3-0 से नहीं हराया था।
- 94 सालों में पहली बार: भारत ने अपने घरेलू मैदान पर 94 सालों में इतनी बड़ी हार कभी नहीं देखी थी।
भारतीय क्रिकेट के लिए आगे की राह
भारतीय टीम के लिए यह हार एक बड़ा सबक है। घरेलू मैदान पर इस तरह की हार भारतीय क्रिकेट के लिए एक चेतावनी है कि किस प्रकार से उन्हें अपनी तकनीक और रणनीतियों पर ध्यान देना होगा।
टीम प्रबंधन को आने वाले मैचों के लिए नए योजनाओं पर काम करना होगा ताकि यह हार दोबारा ना हो।
निष्कर्ष:
न्यूज़ीलैंड ने भारत में क्लीन स्वीप कर टेस्ट क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है।
इस ऐतिहासिक जीत ने यह साबित कर दिया है कि न्यूज़ीलैंड की टीम कठिन परिस्थितियों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकती है।
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