झारखंड चुनाव 2024: हेमंत सोरेन की प्रचंड जीत, सात फैक्टर्स ने बदल दी सियासी तस्वीर
झारखंड चुनाव 2024 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बार फिर सत्ता पर कब्जा कर लिया। भ्रष्टाचार के आरोप और जेल जाने जैसी मुश्किलों के बावजूद हेमंत ने कांग्रेस, आरजेडी और सीपीआईएमएल के साथ मिलकर I.N.D.I.A. गठबंधन के तहत प्रचंड बहुमत हासिल किया। यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक रही क्योंकि इस बार सत्ता-विरोधी लहर के बावजूद हेमंत सरकार ने जनता का दिल जीत लिया।
झारखंड चुनाव 2024 के 7 प्रमुख कारणों पर नजर डालते हैं, जिन्होंने इस जीत की नींव रखी।
1. हेमंत-कल्पना की जोड़ी ने किया कमाल
इस चुनाव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने बड़ी भूमिका निभाई। जहां हेमंत का आदिवासी अस्मिता से जुड़ाव जनता के बीच भरोसा कायम करने में सफल रहा, वहीं कल्पना सोरेन ने 150 से अधिक जनसभाएं और रोड शो करके महिलाओं और युवाओं में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की।
2. आदिवासी अस्मिता बनी निर्णायक मुद्दा
इस चुनाव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने बड़ी भूमिका निभाई। जहां हेमंत का आदिवासी अस्मिता से जुड़ाव जनता के बीच भरोसा कायम करने में सफल रहा, वहीं कल्पना सोरेन ने 150 से अधिक जनसभाएं और रोड शो करके महिलाओं और युवाओं में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की।
3. कल्याणकारी योजनाओं का असर
हेमंत सरकार की मंइयां सम्मान योजना और बिजली बिल माफी जैसी योजनाएं जमीन पर असर दिखाती नजर आईं। मंइयां सम्मान योजना की चौथी किस्त चुनाव से पहले जारी होने से सरकार के प्रति जनता का समर्थन बढ़ा।
4. बीजेपी के मुद्दों का नहीं चला जादू
बीजेपी के “घुसपैठ”, “जनसांख्यिकी बदलाव” और “हिंदू-मुस्लिम” जैसे ध्रुवीकरण वाले मुद्दे झारखंड की जनता को प्रभावित नहीं कर सके। आदिवासी और मुस्लिम वोटर्स ने एकजुट होकर बीजेपी की रणनीति को नकार दिया।
5. कांग्रेस ने अपनी साख बचाई
चुनाव से ठीक पहले प्रदेश अध्यक्ष बदलने जैसी मुश्किलों के बावजूद कांग्रेस ने अपनी स्थिति बनाए रखी। पार्टी ने पिछली बार की तरह इस बार भी 16 सीटों पर जीत दर्ज की।
6. युवा जयराम महतो की भूमिका
बीजेपी के सहयोगी आजसू को भारी नुकसान हुआ, जिसकी वजह युवा नेता जयराम महतो बने। उनकी पार्टी JKLM ने 81 में से 73 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जिससे बीजेपी और आजसू को कई सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा।
7. आरजेडी का शानदार प्रदर्शन
झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में आरजेडी ने 6 में से 5 सीटें जीतकर अपनी अहम भूमिका निभाई। देवघर, गोड्डा और हुसैनाबाद जैसी सीटों पर पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया।
झारखंड चुनाव 2024: निष्कर्ष
झारखंड चुनाव 2024 के नतीजे इस बात का सबूत हैं कि विकास, आदिवासी अस्मिता और जमीनी योजनाएं जनता को लुभाने में सबसे ज्यादा कारगर साबित होती हैं। बीजेपी का ध्रुवीकरण और घुसपैठ जैसे मुद्दे आदिवासी वोटरों के बीच असर नहीं डाल सके। हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन और I.N.D.I.A. गठबंधन के साथ मिलकर झारखंड में एक नई राजनीतिक तस्वीर खड़ी की है।
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