JSW Steel और Posco की साझेदारी से बनेगा नया स्टील प्लांट, भारत में स्टील उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
JSW Steel और दक्षिण कोरियाई कंपनी Posco ने भारत में एक नया 50:50 जॉइंट वेंचर स्टील प्लांट स्थापित करने की घोषणा की है। इस प्लांट की शुरुआती उत्पादन क्षमता 5 मिलियन टन सालाना होगी।

मंगलवार को किए गए इस समझौते के तहत दोनों कंपनियां न केवल स्टील बल्कि बैटरी सामग्री और रिन्यूएबल एनर्जी में भी साझेदारी करेंगी।
JSW Steel के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO जयंत आचार्य के अनुसार, इस साझेदारी से भारतीय स्टील उत्पादन को नई ऊंचाई मिलेगी। आचार्य ने बताया कि इस प्लांट के निर्माण में Posco की तकनीकी कुशलता और JSW की कार्यान्वयन क्षमता का अनूठा मेल होगा।
साथ ही, इस प्रोजेक्ट में ‘अक्षय ऊर्जा‘ का भी समुचित प्रावधान किया जाएगा ताकि पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाला जा सके।
विशेषताएँ और रणनीतिक महत्व
इस नई परियोजना में उत्पादन की लागत को कम करने और तकनीकी दक्षता को बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि भारत में बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, ऑटोमोबाइल और निर्माण क्षेत्र में भारी मांग के चलते इस स्टील प्लांट की उत्पादन क्षमता जल्द ही और भी बढ़ाई जा सकती है।
इसके अलावा, इस संयंत्र में स्टील उत्पादन में पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
ग्रीन स्टील उत्पादन में नई पहल
JSW और Posco का यह संयोजन, “ग्रीन स्टील” का उत्पादन करने के लक्ष्य को भी प्राप्त कर सकता है। इसके अंतर्गत, कोयला और अन्य पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की बजाय अक्षय ऊर्जा का प्रयोग कर उत्पादन करने पर विचार किया जा रहा है।
इसमें सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग प्रमुख रहेगा, जो कार्बन फुटप्रिंट को घटाने में सहायक होगा।
वित्तीय पहलू और निवेश की संभावना
इस संयंत्र के निर्माण में अनुमानित रूप से $5-6 बिलियन का निवेश हो सकता है। एक मिलियन टन स्टील क्षमता पर आमतौर पर $1 बिलियन का खर्च आता है, लेकिन JSW की लागत-कटौती विशेषज्ञता इसे और अधिक कुशल बनाएगी।
इसके अलावा, भारत सरकार की “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” योजनाओं के अंतर्गत इस प्रकार की परियोजनाओं को प्रोत्साहन और कर में छूट भी मिल सकती है, जिससे निवेशकों को लाभ होगा।
लोकेशन और तकनीक पर फोकस
हालांकि, इस परियोजना का स्थान अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन ओडिशा जैसे राज्यों का नाम विचाराधीन है, जहाँ स्टील उत्पादन के लिए आवश्यक संसाधन और समर्थन उपलब्ध हैं। इस प्लांट के निर्माण से देश में निवेश को भी बल मिलेगा।
JSW Steel का ओडिशा में 13.2 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाला एक और प्रोजेक्ट पहले से बन रहा है, जो Posco की 2015 में छोड़ी गई भूमि पर हो रहा है। हालांकि, Posco के साथ यह नया प्रोजेक्ट इस प्रोजेक्ट से अलग होगा।
Posco के लिए भारत में दूसरा अवसर
Posco के लिए यह प्रोजेक्ट भारत में दूसरी बड़ी कोशिश होगी। 2005 में ओडिशा में स्टील प्लांट की योजना बनाई थी, परंतु भूमि अधिग्रहण के मुद्दों और नीतिगत बदलावों के कारण परियोजना रोकनी पड़ी।
इस बार, JSW के साथ गठजोड़ कर Posco भारतीय स्टील बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहता है।
JSW Steel का अंतरराष्ट्रीय विस्तार
JSW Steel के लिए यह वर्ष कई सफलताओं से भरा रहा है। अगस्त में, JSW ने ऑस्ट्रेलिया में कोकिंग कोल की एक काम कर रही खदान में 20% हिस्सेदारी खरीदी है, जिससे उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले कोल का अधिक नियंत्रण मिलेगा।
इसके अलावा, JSW ने जापानी पार्टनर JFE के साथ भारत में Thyssenkrupp की इलेक्ट्रिकल स्टील बिजनेस को खरीदने का भी समझौता किया है, जो उनके मुनाफे को और बढ़ाएगा।
JSW Steel की बढ़ती उत्पादन क्षमता
JSW की सहायक कंपनी JVML ने विजयनगर में अपनी क्षमता को बढ़ाते हुए एक ब्लास्ट फर्नेस चालू किया है, जिससे भारत में कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 34.2 मिलियन टन प्रति वर्ष हो जाएगी। इससे कंपनी की वैश्विक और भारतीय बाजार में पकड़ और मजबूत होगी।
भारत में बढ़ती स्टील की मांग
भारत में स्टील की मांग पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ रही है। ऑटोमोबाइल, निर्माण, और बुनियादी ढाँचे में हो रहे विकास के चलते 2030 तक भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उपभोक्ता बन सकता है।
इस मांग को देखते हुए, JSW और Posco का यह संयंत्र भारतीय बाजार की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हो सकता है।
चुनौतियाँ और संभावनाएँ
हालांकि, भारतीय स्टील उद्योग में पर्यावरणीय चुनौतियों और संसाधनों के प्रबंधन में नीतिगत बदलाव की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है। JSW और Posco के इस संयंत्र में हरित ऊर्जा और संसाधनों के कुशल उपयोग की योजना इन मुद्दों को हल करने में सहायक होगी।
साथ ही, इस साझेदारी के माध्यम से भारत में कौशल विकास और स्थानीय रोजगार के अवसर भी सृजित किए जाएंगे।
निष्कर्ष: भारत की प्रगति में एक और महत्वपूर्ण कदम
JSW Steel और Posco का यह जॉइंट वेंचर न केवल भारतीय स्टील उद्योग के लिए बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को एक स्थिर और नवीन स्टील उत्पादक देश के रूप में स्थापित करने में भी सहायक सिद्ध हो सकता है।
इस साझेदारी से न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा बल्कि एक स्थिर और हरित ऊर्जा आधारित उत्पादन प्रणाली की दिशा में भी सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
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