महाराष्ट्र राजनीति: शाह से मुलाकात में शिंदे ने रखीं 4 प्रमुख मांगें, बीजेपी का क्या होगा फैसला?”
महाराष्ट्र राजनीति: महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर चर्चा में है। मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान के बीच गृह मंत्री अमित शाह से महायुति के प्रमुख नेताओं की बैठक ने हलचल मचा दी है। बैठक में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी नेता अजित पवार, और शिवसेना (शिंदे गुट) नेता एकनाथ शिंदे शामिल हुए।
खास बात यह रही कि शाह ने शिंदे और अजित पवार से अलग से बातचीत की, जिसमें शिंदे ने अपनी चार प्रमुख मांगें सामने रखीं।
शिंदे ने शाह के सामने रखीं ये 4 मांगें
- 12 मंत्री पदों की मांग:
एकनाथ शिंदे ने अपनी पार्टी शिवसेना के लिए महाराष्ट्र सरकार में 12 मंत्री पदों की मांग की है। इसमें कैबिनेट और राज्य मंत्री पद दोनों शामिल हैं। - होम और अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट:
शिंदे ने विशेष रूप से गृह विभाग और शहरी विकास विभाग को अपने गुट के तहत लाने की मांग की है। - पालक मंत्री के अधिकार:
शिंदे ने पालक मंत्री (गार्जियन मिनिस्टर) के पदों के उचित बंटवारे और शिवसेना को सम्मानजनक हिस्सेदारी की बात कही है। - विधान परिषद सभापति का पद:
विधान परिषद में सभापति का पद शिवसेना को देने की मांग भी शिंदे ने शाह के सामने रखी।
क्या बोले थे शिंदे पहले?
इससे पहले एकनाथ शिंदे ने खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर बताते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री बीजेपी से होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात कर स्पष्ट किया था कि वह सरकार बनाने में कोई बाधा नहीं बनेंगे। उनका बयान इस बात का संकेत देता है कि वह शिवसेना के लिए प्रमुख मंत्रालय और जिम्मेदारियां सुनिश्चित करना चाहते हैं।
महायुति की अहम बैठक आज
दिल्ली में अमित शाह के साथ बैठक के बाद सभी नेता महाराष्ट्र लौट आए हैं। महायुति की घटक दलों की बैठक आज होने जा रही है, जिसमें सरकार गठन को लेकर अंतिम चर्चा होगी। संभावना है कि इसी बैठक में मुख्यमंत्री पद का ऐलान किया जाएगा।
बीजेपी का रुख क्या होगा?
शिंदे की इन मांगों पर बीजेपी की प्रतिक्रिया अभी स्पष्ट नहीं हुई है। हालांकि, महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ गठबंधन में सत्ता संतुलन बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। महायुति के घटकों में शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की उम्मीदें बीजेपी के लिए कठिन निर्णय साबित हो सकती हैं।
महाराष्ट्र राजनीति: राजनीतिक समीकरण पर नजर
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद और मंत्री पदों का बंटवारा राज्य की राजनीतिक दिशा तय करेगा। शिंदे की मांगें बीजेपी के लिए एक कठिन चुनौती हो सकती हैं। यदि शिंदे की मांगें मानी जाती हैं, तो शिवसेना (शिंदे गुट) को सरकार में मजबूत स्थिति मिल सकती है।
महाराष्ट्र की राजनीति का यह अध्याय कई नए मोड़ ला सकता है। सभी की नजर इस पर है कि महायुति की बैठक में क्या निर्णय लिए जाते हैं और शिंदे की मांगों का बीजेपी किस तरह जवाब देती है।
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