Patna AQI: पटना में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर, दिल्ली से दोगुना हुआ प्रदूषण; सांस लेना हुआ मुश्किल
पटना में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। राजधानी के गांधी मैदान क्षेत्र में मंगलवार को वायु प्रदूषण 417 एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) पर पहुंच गया, जो “अत्यंत खतरनाक” श्रेणी में आता है। यह स्तर दिल्ली जैसे प्रदूषित शहर से भी लगभग दोगुना है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्तर मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है और गंभीर श्वसन समस्याओं का कारण बन सकता है।
पटना में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक, गांधी मैदान में रिकॉर्ड 417 AQI
मंगलवार की शाम गांधी मैदान इलाके में इस मौसम का सबसे अधिक प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ. डीके शुक्ला ने बताया कि गांधी मैदान के आसपास चल रहे निर्माण कार्य और वहां बढ़ी हुई मानवीय गतिविधियां वायु प्रदूषण में वृद्धि के प्रमुख कारण हैं।
इसके अलावा, शाम के समय बढ़ी हुई नमी और धूलकणों ने प्रदूषण को और गंभीर बना दिया। नगर निगम को निर्देश दिया गया है कि गांधी मैदान और उसके आसपास नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाए, ताकि धूल के प्रभाव को कम किया जा सके।
प्रदूषण का प्रभाव और अन्य क्षेत्रों की स्थिति
गांधी मैदान के अलावा, पटना के अन्य इलाकों में भी वायु प्रदूषण की स्थिति खराब होती जा रही है। राजवंशीनगर में AQI 304, पटना सिटी में 266, और तारामंडल क्षेत्र में 249 रिकॉर्ड किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे हालात में लंबे समय तक धूल और प्रदूषित हवा के संपर्क में रहना बेहद खतरनाक हो सकता है।
प्रदूषण के स्वास्थ्य पर प्रभाव
वायु गुणवत्ता के इस स्तर पर सांस की बीमारियां, आंखों में जलन और फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर और विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि लोग बाहर निकलते समय मास्क पहनें और अत्यधिक प्रदूषित इलाकों में जाने से बचें।
प्रदूषण को कम करने के लिए प्रशासन का कदम
पटना नगर निगम ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। गांधी मैदान और अन्य प्रभावित इलाकों में पानी का छिड़काव शुरू किया गया है। इसके अलावा, निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल को रोकने के लिए कई एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI)?
AQI हवा में मौजूद प्रदूषकों की मात्रा को मापने का तरीका है। यह 0 से 500 के बीच होता है। 0-50 के बीच AQI को अच्छा माना जाता है, जबकि 400 से ऊपर का स्तर “अत्यंत खतरनाक” श्रेणी में आता है। गांधी मैदान का 417 AQI इस बात का संकेत है कि यहां की हवा सांस लेने योग्य नहीं रह गई है।
प्रदूषण से बचने के उपाय
- बाहर निकलते समय मास्क पहनें।
- अधिक प्रदूषण वाले इलाकों में जाने से बचें।
- बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है।
- हवा को शुद्ध करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष
पटना में वायु प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक है। सरकार और प्रशासन को इस ओर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। साथ ही, नागरिकों को भी प्रदूषण को कम करने में अपना योगदान देना चाहिए। पटना के बढ़ते वायु प्रदूषण से न केवल स्वास्थ्य को खतरा है, बल्कि यह शहर की जीवन गुणवत्ता को भी प्रभावित कर रहा है।