भारत में एलन मस्क के स्टारलिंक के प्रवेश पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का बयान
भारत में अमेरिकी अरबपति एलन मस्क के स्टारलिंक के प्रवेश को लेकर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का बयान आया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की आधिकारिक चर्चा अब तक नहीं हुई है। बुधवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गोयल ने कहा कि उन्हें इस विषय पर कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि यह मुद्दा अलग-अलग मंत्रालयों द्वारा संभाला जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मेरी जानकारी के अनुसार, हमने अभी तक स्टारलिंक या टेस्ला के निवेश संबंधी किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं की है। इन दोनों मामलों को अलग-अलग मंत्रालयों द्वारा संभाला जा रहा है।
भारी उद्योग मंत्रालय जहां ऑटोमोबाइल से जुड़े मुद्दे देखता है, वहीं स्टारलिंक के लिए अंतरिक्ष विभाग जिम्मेदार है। इसलिए, मुझे व्यक्तिगत रूप से इस पर कोई जानकारी नहीं है।”
एलन मस्क की कंपनियां, टेस्ला और स्टारलिंक, पहले ही भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने पर विचार कर रही हैं। खासकर टेस्ला के भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के लिए और स्टारलिंक के इंटरनेट सेवाओं के विस्तार को लेकर कई चर्चाएं हुई हैं। हालांकि, मस्क की भारत यात्रा के दौरान अप्रैल में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का वादा किया था, लेकिन आखिरी समय में अपनी यात्रा रद्द कर दी थी, जिसका कारण “बहुत भारी टेस्ला दायित्व” बताया गया था।
अनुमान था कि मस्क इस यात्रा के दौरान भारत में टेस्ला की विनिर्माण इकाई स्थापित करने और अरबों डॉलर के निवेश की घोषणा करेंगे। साथ ही, उनके सैटेलाइट इंटरनेट व्यवसाय स्टारलिंक के लिए भी भारतीय बाजार में प्रवेश की योजना थी।
भारत में स्टारलिंक की योजना के बारे में केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि स्टारलिंक को भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने के लिए सभी कानूनी मानदंडों का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि स्टारलिंक ने इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत किए हैं और जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी, उन्हें लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा। इससे साफ जाहिर होता है कि भारतीय सरकार ने स्टारलिंक के लिए एक स्पष्ट मार्गदर्शन तैयार किया है।
इसके अलावा, मार्च में केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी थी, जिसके तहत भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने वाली कंपनियों को आयात शुल्क में रियायत देने की योजना बनाई गई है। इस नीति का उद्देश्य वैश्विक कंपनियों जैसे टेस्ला को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित करना है, ताकि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा मिल सके।
हालांकि, अभी तक टेस्ला और स्टारलिंक के बारे में कोई ठोस घोषणा नहीं की गई है, लेकिन भारत सरकार की नीतियां और एलन मस्क की कंपनियों के संभावित निवेश से यह स्पष्ट है कि भारतीय बाजार में उनकी उपस्थिति को लेकर बहुत ही महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं।
क्या स्टारलिंक भारत में अपनी सेवाएं शुरू करेगा?
यह भी पढ़ें
- TRAI के नए नियम : 1 दिसंबर से लागू होगा नया TRAI नियम: OTP डिलीवरी पर सरकार की सफाई
- एलन मस्क का स्टारलिंक: डिजिटल भारत की ओर कदम या राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल?
- Apple AirPods vs Samsung Galaxy Buds: कैसे चुने अपने लिए बेस्ट म्यूजिक पार्टनर ?
- भारत में Starlink की एंट्री: क्या Jio और Starlink का स्पेक्ट्रम बैटल बदल देगा इंटरनेट का भविष्य?