महाराष्ट्र राजनीति : शिवसेना ने रखी बड़ी मांग, कहा- ‘हमें चाहिए गृह मंत्रालय, शिंदे के नेतृत्व से महायुति को हुआ फायदा’
महाराष्ट्र राजनीति: महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। महायुति सरकार में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने पहली बार अपनी मांगों को खुलकर सामने रखा है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय शिरसाट ने स्पष्ट कहा है कि उनकी पार्टी को महाराष्ट्र सरकार में गृह मंत्रालय मिलना चाहिए।
शिंदे के नेतृत्व से बीजेपी को फायदा
संजय शिरसाट ने कहा, “महायुति सरकार में शिंदे को चेहरा बनाने से भाजपा को बड़ा लाभ हुआ है। शिंदे ने मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों को शांत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पास इस मुद्दे को संभालने का अनुभव नहीं था।”
उन्होंने आगे कहा कि एकनाथ शिंदे ने मराठवाड़ा में सबसे अधिक जनसभाएं कीं और जनता के मुद्दों को सीधे संबोधित किया। “उनके प्रयासों ने महायुति को बड़े पैमाने पर समर्थन जुटाने में मदद की,” शिरसाट ने कहा।
गृह मंत्रालय पर शिवसेना का दावा
शिवसेना का तर्क है कि गृह विभाग, जो अक्सर उपमुख्यमंत्री के पास होता है, इस बार उन्हें सौंपा जाना चाहिए। शिरसाट ने कहा, “यह उचित नहीं होगा कि मुख्यमंत्री के पास गृह मंत्रालय भी हो। यह जिम्मेदारी किसी अन्य वरिष्ठ नेता को दी जानी चाहिए, और शिवसेना इसके लिए सही दावेदार है।”
शिंदे के स्वास्थ्य पर अटकलें
हाल ही में शिंदे के मुंबई में महायुति की बैठक रद्द करने और अपने पैतृक गांव सतारा लौटने के फैसले के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर असंतुष्ट हैं। हालांकि, शिवसेना ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि शिंदे अस्वस्थ थे और इसलिए उन्होंने गांव जाने का निर्णय लिया।
महाराष्ट्र राजनीति: महायुति में बढ़ता तनाव?
महाराष्ट्र राजनीति में नई सरकार के गठन को लेकर महायुति के घटक दलों के बीच खींचतान जारी है। शिवसेना की मांग भाजपा और राकांपा के लिए नई चुनौती पेश कर सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गृह मंत्रालय जैसे प्रमुख विभाग पर सहमति बनाना महायुति के लिए आसान नहीं होगा।
शिवसेना का यह रुख महायुति में नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है। सवाल यह है कि क्या भाजपा और राकांपा शिवसेना की मांग को मानेंगे, या यह तनाव और गहराएगा।
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