स्कूल की प्रताड़ना से भागा छात्र, हॉस्टल में मिली लाश
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक निजी स्कूल के हॉस्टल में 12 वर्षीय छात्र की संदिग्ध हालात में मौत ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। मृतक की पहचान सीतामढ़ी जिले के महिंद्रवारा थाना क्षेत्र के सिराखिरिया गांव के रहने वाले सत्यम कुमार के रूप में हुई है। यह घटना अहियापुर थाना क्षेत्र के मेडिकल फोरलेन इलाके में घटी।
सोमवार रात सत्यम का शव हॉस्टल के कमरे में पाया गया। इस घटना के बाद से स्कूल के हॉस्टल का संचालक फरार है, जिससे मामले ने और भी सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने पुलिस को घटना की सूचना दी, जिसके बाद पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की।
सत्यम का दर्द: प्रताड़ना और सुसाइड की आशंका हॉस्टल में मिली लाश
सत्यम के परिजनों ने खुलासा किया है कि वह पिछले कुछ समय से स्कूल जाने से बचने की कोशिश कर रहा था। चार दिन पहले वह हॉस्टल से भागकर घर पहुंचा था और उसने स्कूल लौटने से साफ मना कर दिया था। मां के समझाने पर वह सोमवार को वापस स्कूल गया, लेकिन महज दो घंटे बाद उसकी मौत की खबर घर पहुंची।
परिजनों का आरोप है कि सत्यम को हॉस्टल में प्रताड़ित किया जाता था। पुलिस के शुरुआती जांच में यह मामला सुसाइड का प्रतीत हो रहा है। एसडीपीओ टाउन-2 विनता सिन्हा ने बताया कि सत्यम पहले भी दो से तीन बार हॉस्टल से भाग चुका था। उसे वहां रहने में परेशानी थी।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मौत के सही कारणों का पता चलेगा। फिलहाल, पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और फरार संचालक की तलाश में जुटी हुई है।
हॉस्टल की सुरक्षा और जिम्मेदारी पर सवाल
इस घटना ने निजी स्कूलों और उनके हॉस्टल की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बच्चों की देखभाल और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना हॉस्टल प्रशासन की जिम्मेदारी होती है, लेकिन सत्यम की घटना ने यह दिखाया है कि कई बार इन संस्थानों में छात्रों की परेशानियों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
सत्यम के परिजनों का कहना है कि अगर उनकी शिकायतों पर पहले ध्यान दिया जाता, तो शायद यह हादसा टल सकता था।
क्या होनी चाहिए आगे की कार्रवाई?
- जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई: हॉस्टल संचालक की भूमिका संदिग्ध है। फरार संचालक को पकड़कर सख्त पूछताछ होनी चाहिए।
- स्कूलों की नियमित जांच: निजी स्कूल और हॉस्टल की व्यवस्थाओं की नियमित जांच के लिए एक सख्त तंत्र बनना चाहिए।
- मनोवैज्ञानिक सहायता: छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने के लिए स्कूलों में काउंसलर नियुक्त किए जाने चाहिए।
इन्हे भी पढ़े
सोनाक्षी-जहीर की मस्ती, रोमांटिक फोटोज ने सोशल मीडिया पर किया ट्रेंड
दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश
संभल हिंसा: चुपचाप खड़े दीवारें, गोलियों के निशान चीख रहे सच
पंजाब की जीत के बाद दिल्ली चुनाव पर नजर, केजरीवाल ने किया बड़ा ऐलान
ऐसी ही फ़ास्ट खबरों के लिए लिए हमें फॉलो करें और अपनी राय नीचे कमेंट करें।