दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश
दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगातार सुनवाई हो रही है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के तहत लागू GRAP-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के प्रतिबंधों को बनाए रखने का आदेश दिया है। यह फैसला दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने कुछ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी गौर किया, जो इस बवंडर से प्रभावित नागरिकों की स्थिति को लेकर हैं।
GRAP-4 के प्रतिबंधों में राहत का निषेध
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक दिल्ली और एनसीआर की वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं हो जाता, तब तक GRAP-4 के प्रतिबंधों में कोई ढील नहीं दी जाएगी। इसका मतलब है कि दिल्ली में निर्माण कार्यों पर रोक, ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और अन्य पर्यावरणीय मानकों का पालन जारी रहेगा। अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया कि GRAP-4 के कारण प्रभावित श्रमिकों की मदद के लिए राज्य सरकारें निर्माण कार्यों पर रोक के दौरान श्रमिक उपकर (लेबर सेस) के फंड का उपयोग करें। इस फैसले से यह संदेश मिलता है कि पर्यावरण को सुधारने के लिए जरूरी उपायों को सख्ती से लागू किया जाएगा, भले ही इसका प्रभाव आर्थिक गतिविधियों पर पड़े।
दिल्ली सरकार को फटकार और समुचित व्यवस्था की मांग
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को GRAP-4 के तहत दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए फटकार लगाई। खासतौर पर 18 से 23 नवंबर तक कुछ ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति देने पर सवाल उठाए गए। अदालत ने केंद्र और CAQM से यह भी पूछा कि प्रदूषण से निपटने के लिए की गई व्यवस्थाओं में लापरवाही क्यों हुई। अदालत ने दिल्ली के 113 प्रवेश बिंदुओं पर उचित जांच व्यवस्था की कमी को गंभीरता से लिया और इसे तत्काल ठीक करने का आदेश दिया।
इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली में वर्तमान में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 600 के पार जा चुका है, जो खतरनाक स्तर पर है। इस पर कोर्ट ने विशेष रूप से ध्यान दिया और दिल्ली सरकार से रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन प्रवेश बिंदुओं पर सही व्यवस्था हो।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सुधार की आवश्यकता
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह साफ है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए और अधिक प्रभावी उपायों की आवश्यकता है। यह भी स्पष्ट हो गया है कि GRAP-4 के तहत जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, वे फिलहाल जारी रहेंगे। इसके साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि दिल्ली के प्रवेश बिंदुओं पर ट्रकों की चेकिंग और अन्य आवश्यक उपायों को सख्ती से लागू किया जाए। अदालत ने यह भी कहा कि ट्रकों के प्रवेश को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियों को अधिक प्रभावी तरीके से काम करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अब यह देखना होगा कि क्या इन उपायों के बाद प्रदूषण के स्तर में सुधार आता है, और क्या दिल्ली सरकार और अन्य एजेंसियां इस मामले में अपनी जिम्मेदारी को सही ढंग से निभाती हैं।
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