महाराष्ट्र में कौन होगा मुख्यमंत्री? फडणवीस ने किया बड़ा खुलासा
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से मुख्यमंत्री पद को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। महायुति गठबंधन के भीतर इस मुद्दे पर मंथन जारी है और मुख्यमंत्री के पद को लेकर फैसले की उम्मीदें अभी कायम हैं। बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इस सवाल का जवाब जल्द ही दिया जाएगा। इस आर्टिकल में हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि महायुति में मुख्यमंत्री पद को लेकर कौन सी दिशा अपनाई जा सकती है।
महायुति गठबंधन का शानदार प्रदर्शन और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बहस
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे ने महायुति गठबंधन को अपेक्षाकृत शानदार सफलता दिलाई है। राज्य की 288 सीटों में से महायुति गठबंधन को 230 सीटों पर जीत हासिल हुई, जिससे यह गठबंधन राज्य की सबसे बड़ी शक्ति बनकर उभरा। इस गठबंधन में बीजेपी ने 132 सीटों पर जीत दर्ज की, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने 57 सीटों पर जीत हासिल की और एनसीपी को 41 सीटों पर विजय मिली। हालांकि, महाविकास अघाड़ी (MVA) को केवल 46 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा।
इस शानदार प्रदर्शन के बाद, सवाल यह उठ रहा है कि सीएम पद की कुर्सी पर कौन बैठेगा। एक ओर जहां बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस विषय पर जल्द निर्णय होने की बात कही है, वहीं शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने यह कहकर बहस को और बढ़ा दिया है कि चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया था, इसलिए उन्हें ही मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए।
देवेंद्र फडणवीस का बयान और बीजेपी की स्थिति
देवेंद्र फडणवीस, जो महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम रह चुके हैं, ने इस पर स्पष्ट किया कि महायुति के तीनों दलों के वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं और जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा। फडणवीस का बयान इस बात का संकेत है कि बीजेपी गठबंधन के अन्य दलों के साथ मिलकर इस पर अंतिम फैसला करेगी।
बीजेपी के भीतर इस मुद्दे पर कई चर्चा हो रही है, क्योंकि पार्टी के पास सबसे बड़ी संख्या है और इसकी स्थिति राज्य में मजबूत है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या बीजेपी को सीएम पद का हक मिलेगा या फिर शिवसेना के एकनाथ शिंदे, जिन्होंने चुनावी नतीजों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उन्हें इस पद के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
शिवसेना और एनसीपी की भूमिका: एकनाथ शिंदे को मिलेगा समर्थन?
वहीं, शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने यह स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया था और उनकी पार्टी ने चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया। शिरसाट ने कहा कि शिंदे ने राज्य में सरकार बनाई और नेतृत्व किया, इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए।
इस पर एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार भी अपनी राय रख सकते हैं, क्योंकि एनसीपी महायुति गठबंधन का हिस्सा है और पार्टी को 41 सीटें मिली हैं। हालांकि, शिवसेना और एनसीपी के बीच कभी भी सत्ता को लेकर संघर्ष देखने को मिल सकता है, खासकर मुख्यमंत्री पद को लेकर।
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